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विधायक मोहला-मानपूर द्वारा सत्र में लगाया गया प्रश्न हास्यास्पद- रमेश हिड़ामे

विधायक मोहला-मानपूर द्वारा सत्र में लगाया गया प्रश्न हास्यास्पद- रमेश हिड़ामे

आदिवासी समाज के प्रमुख एवं महाग्राम सभा के सदस्य रमेश हिड़ामे ने कहा है कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों को जनता के प्रति जवाब देह होना चाहिये और जहाँ तक ईसी जवाबदारी से मोहला मानपूर विधायक ने मानशून सत्र में अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वननिवासी (वन अधिकारों की मान्यता)अधिनियम2006 के तहत (क) (ख) (ग )(घ) प्रश्न लगाये,अच्छी बात है और लगाना भी चाहिये इन प्रश्नों को पढ़ने से प्रश्न (ग) से समझ आता है कि 16जून को महाग्राम सभा द्वारा की गयी सभा रैली की ओर इंगित होता है। लेकिन अक्षरश: जो प्रश्न लगा है वो सब तो हम आम जनों को पता है विधायक जी को जानकारी नहीं हो तो जिला प्रशासन से जानकारी ले सकते हैं या क्षेत्र की जनता को गुमराह करने सत्र में लगाये हों।
यदि 16 जून 2025 की सभा रैली के हेतु मानसून सत्र में प्रश्न लगा था तो महसूस होता है कि विधायक को समझ ही नहीं है वो क्या कार्यवाही चाहते हैं? उनका प्रश्न ही हास्यास्पद है। 16जून की सभा रैली वन अधिकार की धारा 3(1)(झ) के अंतर्गत मांग को लेकर के था जिसे डी एल सी के अनुमोदन के उपरांत दिशा की बैठक में आये दिशा के अध्यक्ष के हाथों वितरण कर शुभारंभ किये और वापस मांग लिये तथा जिला प्रशासन ने रोककर रख कर वन अधिकार अधिनियम 2006की धारा 2(घ)का उलंघन कर रही है।वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम की धारा 7के तहत समिति के सदस्यों और अधिकारियों द्वारा वनअधिकारों की मान्यता नियम के किन्हीं उपबंधों का उलंघन करने पर उन्हें अधिनियम के अधीन अपराध के दोषी समझे जाने का प्रावधान हैऔर उनके विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और जुर्माने जो कि एक हजार रुपये तक हो सकता है।

*योगेन्द्र सिंगने की रिपोर्ट*

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