
मानपुर भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष चेतन साहू ने 50 वर्ष पूर्व 1975 में देश में आपातकाल लागू किए जाने का घटनाक्रम याद करते हुए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि भारत के इतिहास के उस काले अध्याय की 50वीं बरसी है, जब 1975 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने देश पर आपातकाल थोपकर लोकतंत्र की आत्मा को कुचलने का घृणित प्रयास किया था। संविधान की

पवित्रता को तार-तार किया गया, नागरिकों के मौलिक अधिकारों को बेरहमी से छीना गया, प्रेस की स्वतंत्रता पर ताला जड़ा गया और लाखों निर्दोष लोगों को बिना किसी अपराध के जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया। यह सब केवल सत्ता के नशे में चूर एक परिवार और उनकी कुर्सी को बचाने के लिए रची गई साजिश का हिस्सा था। आपातकाल कांग्रेस की उस अत्याचारी और क्रूर मानसिकता का स्पष्ट प्रमाण है, जिसने संविधान की हत्या करके देश को एक तानाशाही जेलखाने में तब्दील कर दिया। यह विडंबना ही है कि जिन लोगों ने संविधान का गला घोंटा, वे आज इसके रक्षक होने का ढोंग रच रहे हैं। उनकी यह दोहरी मानसिकता न केवल उनके पाखंड को उजागर करती है, बल्कि यह भी याद दिलाती है कि लोकतंत्र को कमजोर