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Newsछत्तीसगढ़दल्लीराजहराबालोद

दल्लीराजहरा वार्ड क्रमांक-24 में हो रहे गौरी-गौरा कार्यक्रम में पडोसी द्वारा कम आवाज़ में बजाने के लिए कहने पर व्यक्ति पर हुआ प्राण घातक हमला सिर फटने से अधिक खून बहने पर हुआ अधमरा पुलिस द्वारा 3 लोगो को हिरासत में लेकर किया गया पूछताछ।



दल्लीराजहरा:-

घटना बीती रात की है रानी लक्ष्मी बाई वार्ड नंबर 24 में गौरी गौरा का कार्यक्रम जोर शोर से चल रहा था इसी बिच पड़ोस में रहने वाले के घर बूढी माँ और बच्चे रहते है माँ की तबियत हमेशा खराब रहता है इसी बात की फिक्र को लेकर पडोसी राकेश सहारे द्वारा धीमी आवाज में बजाने के लिए अनुरोध किया गया जिसे सुनकर बहार से आए हुए बाजा बजाने वाला और दल्लीराजहरा के ही लोकल व्यक्ति  के द्वारा गाली गलोच करते हुए पडोसी राकेश सहारे के ऊपर निजी हथियार से  प्राण घातक हमला किया गया जिससे राकेश सहारे का सिर फट गया व लहूलुहान होकर गिर पड़ा बिच बचाव करने आए बड़े भाई संतोष सहारे के साथ भी हाथा पाई करके पहने हुए टी शर्ट को फाड़ दिया गया ।

भाई संतोष सहारे द्वारा राकेश सहारे को लहूलुहान हालात में पुलिस थाना ले जाकर प्रथम रिपोर्ट दर्ज कराया गया FIR होने के पश्चात दल्लीराजहरा पुलिस द्वारा वार्ड नंबर 24 घटना स्थल में पहुचकर प्राण घातक हमला करने वाले व अपराधी के बारे में पूछताछ करने 3 व्यक्तियों को पकड़ा गया जो उस समय हमलावरों के साथ मौजूद था । 3 व्यक्तियों से कड़ाई से पूछताछ करने पर दल्लीराजहरा का ही व्यक्ति ने घटना को अंजाम दिया गया ।
पता चलने पर सभी तीनों व्यक्ति को छोड़ा गया। व मुख्य आरोपी जल्द से जल्द पुलिस के गिरफ्त में होगा।



अगर कोई देर रात तक बजने वाले डीजे और जगराता से परेशान हो तो कानूनी कार्यवाही की जा सकती है?

ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) कानून-2000 के मुताबिक उल्लंघन करने पर बी.पी. अधिनियम 1951 की धारा 135 के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी ।


रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर और डीजे बजाने पर पाबंदी है. हालांकि राज्य सरकार को यह अधिकार है कि वह कुछ शर्तों के साथ रात 12 बजे तक लाउडस्पीकर और डीजे बजाने की इजाजत दे सकती हैं, लेकिन रात 12 बजे के बाद किसी को भी लाउडस्पीकर या डीजे बजाने की इजाजत नहीं है. ऐसा करना गैर कानूनी और क्राइम है. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) भी कह चुका है कि एक तय सीमा से तेज लाउडस्पीकर और डीजे बजाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है.

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि संविधान के अनुच्छेद 21 में जीवन जीने के अधिकार के तहत ध्वनि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार भी आता है. साथ ही किसी को जबरन भजन या गाना या धार्मिक उपदेश सुनने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।

अगर देर रात तक लाउडस्पीकर या डीजे बजाने से किसी की नींद खराब होती है या मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, तो यह उसके मौलिक अधिकारों का हनन है. इसके खिलाफ पीड़ित व्यक्ति अनुच्छेद 32 के तहत सीधे सुप्रीम कोर्ट या फिर अनुच्छेद 226 के तहत सीधे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है. साथ ही रात में लाउडस्पीकर और डीजे बजाने पर रोक लगाने की मांग कर सकता है.

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