वन अधिकार पट्टा वितरण मे नक्शा न बनने से ग्रामीण परेशान

वन अधिकार पट्टा वितरण में नक्शा न बनने से ग्रामीण परेशान
स्थान: मोहला मानपुर-अंबागढ़ चौकी, छत्तीसगढ़
वन पट्टा मिला, पर नक्शा नहीं — ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी
मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले के कई गांवों में वन अधिकार कानून के तहत किसानों को व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टे (वन पट्टा) तो प्रदान कर दिए गए हैं, लेकिन अभी तक अधिकांश मामलों में भूखंडों का सीमांकन (नक्शा) नहीं किया गया है। इसके चलते किसानों को न खेती करने में सहूलियत हो रही है, न ही शासन की अन्य योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि वन अधिकार पट्टे पर जमीन का मालिकाना हक मिलने के बावजूद, वन विभाग द्वारा भूमि की सीमाएं स्पष्ट नहीं की गई हैं। नक्शा नहीं बनने से कई जगहों पर खेतों की सीमा को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
किसानों की व्यथा:
पट्टा धारक कई किसानों ने बताया और कहा कि “जब तक नक्शा नहीं बनेगा, तब तक हमारी जमीन पर न खेती सुरक्षित है, न कोई सरकारी योजना का लाभ। बैंक से ऋण लेने या खेत समतलीकरण, सिंचाई योजना आदि में भी दिक्कत हो रही है।”
प्रशासन की चुप्पी:
ग्राम पंचायतों और संबंधित विभागों को कई बार आवेदन देने के बावजूद सीमांकन की प्रक्रिया ठप पड़ी है। राजस्व और वन विभाग के बीच समन्वय की कमी इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है।
ग्रामीणों की मांग:
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द पट्टों की सीमांकन प्रक्रिया पूरी की जाए ताकि वे अधिकारिक रूप से अपनी भूमि पर खेती कर सकें और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें।
निष्कर्ष:
वन अधिकार कानून के उद्देश्य तभी सफल होंगे जब किसानों को उनके अधिकारों के साथ-साथ ज़मीन का नक्शा और सीमांकन भी सौंपा जाएगा। वरना ये पट्टे महज एक कागज बनकर रह जाएंगे।
योगेन्द्र सिंगने की रिपोर्ट