BREAKING
सुभाषचंद्र सिंगने का लंबे बीमारी से निधन"मोहला के मुक्ति धाम मे आज 01बजे पश्चात किया जायेगा अंतिम सं... सुभाषचंद्र सिंगने का लंबे बीमारी से निधन"मोहला के मुक्ति धाम मे आज 01बजे पश्चात किया जायेगा अंतिम सं... सुभाषचंद्र सिंगने का लंबे बीमारी से निधन"मोहला के मुक्ति धाम मे आज 01बजे पश्चात किया जायेगा अंतिम सं... ग्रामीणों व पत्रकार की सुझबुझ से बची नशे मे चुर युवक की जान. ग्रामीणों व पत्रकार की सुझबुझ से बची नशे मे चुर युवक की जान. आज जिले के विभिन्न कार्यक्रमों की झलक आपातकाल को लेकर भाजपा का प्रहार : “लोकतंत्र की हत्या कभी नहीं भूलेगा देश” – मधूसूदन यादवप्रेस वार्ता... वीरता, बलिदान और आत्मसम्मान की प्रतीक रानी दुर्गावती को श्रद्धांजलिबलिदान दिवस पर अंबागढ़ चौकी में ह... आपातकाल के काले अध्याय 50वर्ष* पूर्ण होने पर जिला भाजपा द्वारा प्रेस वार्ता मुख्य वक्ता -महापौर राजन... आपातकाल के काले अध्याय 50वर्ष* पूर्ण होने पर जिला भाजपा द्वारा प्रेस वार्ता मुख्य वक्ता -महापौर राजन...
Newsछत्तीसगढ़

वीरता, बलिदान और आत्मसम्मान की प्रतीक रानी दुर्गावती को श्रद्धांजलिबलिदान दिवस पर अंबागढ़ चौकी में हुआ भव्य आयोजन, आदिवासी समाज ने दिखाई एकता

अंबागढ़ चौकी, 24 जून 2025 –
आज अंबागढ़ चौकी के गोंडवाना भवन में महान वीरांगना रानी दुर्गावती जी के बलिदान दिवस पर एक भव्य व गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समस्त आदिवासी समाज के तत्वावधान में श्रद्धा, सम्मान और राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक इस आयोजन में रानी दुर्गावती के अदम्य साहस, नेतृत्व क्षमता और बलिदान को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ नगर भ्रमण एवं भव्य रैली के साथ हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक परिधान और ढोल-नगाड़ों के साथ शामिल हुए।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री संजीव शाह जी (पूर्व विधायक एवं संसदीय सचिव) ने संगोष्ठी के माध्यम से रानी दुर्गावती जी के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा –

“रानी दुर्गावती सिर्फ गोंडवाना की रानी नहीं थीं, बल्कि वे सम्पूर्ण भारतवर्ष के लिए नारी-शक्ति, राष्ट्र-भक्ति और आत्मबलिदान का अमिट प्रतीक हैं। उन्होंने मुगल आक्रांताओं के खिलाफ वीरतापूर्वक युद्ध किया और देश की अस्मिता की रक्षा हेतु वीरगति को प्राप्त हुईं।”

उन्होंने आगे कहा कि रानी दुर्गावती की शासन प्रणाली न्याय, शांति, समृद्धि और प्रजा हित के लिए जानी जाती थी। वे चंदेल राजवंश की बेटी और गोंडवाना की गौरवशाली शासिका थीं।

“चंदेलों की बेटी थी, गोंडवाने की रानी थी,
चंडी थी – रणचंडी, वह दुर्गावती भवानी थी।”

श्री शाह ने अपने उद्बोधन में सामाजिक एकता का संदेश देते हुए कहा कि आदिवासी समाज को संगठित रहना होगा, तभी हम सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बन पाएंगे। उन्होंने धर्मांतरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके विरुद्ध सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है और हमारी परंपराओं, संस्कृति एवं पहचान को बचाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

इस गरिमामयी कार्यक्रम में कई गणमान्य पदाधिकारीगण उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से –
श्री कमलेश मंडावी (जिला अध्यक्ष), दिलीप सिंह मंडावी (उपाध्यक्ष), दिलीप कुमार मंडावी (सचिव), प्रीतराम कुंजाम (कोषाध्यक्ष), श्रवण उइके (सह सचिव), मनराघन नेताम (पूर्व जिला अध्यक्ष), सोनाऊराम मंडावी, पतिराम कोर्राम, अशोक पावले, रोशन मंडावी, कनक नेताम, तुलाराम नेताम, उदास सलामे, नीलकंठ नेताम, मिलाप कोमरे, भागियाराम नेताम, एवं जिला महासभा के पदाधिकारी –
नरेंद्र नेताम (जिला अध्यक्ष), बी.एस. पड़ोटी (उपाध्यक्ष), एस.के. नेताम (प्रवक्ता), बारेलाल मंडावी, वासुदेव मंडावी (संरक्षक) प्रमुख रहे।

साथ ही गोंडवाना भवन संचालन समिति के अध्यक्ष बी.एल. मरकाम, गोड़ समाज के अध्यक्ष संत कुमार नेम, हलवा समाज के अध्यक्ष रामनारायण नेताम, भंवर सिंह मंडावी, मंगलूराम नेताम समेत सैकड़ों समाजजन उपस्थित रहे।

कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि वीरांगना रानी दुर्गावती केवल इतिहास नहीं, बल्कि आज के भारत की प्रेरणा हैं। उनका बलिदान, उनकी नीति, और उनकी नारी शक्ति आज भी हमारे लिए मार्गदर्शक है।
योगेन्द्र सिंगने की रिपोर्ट

Back to top button
error: Content is protected !!