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दल्ली राजहरा मुस्लिम समाज के द्वारा जश्ने ईद मिलाद अन नबी के मुबारक मौके पर जुलूस से मोहम्मेदनी शांति और एकता का प्रतीत देते हुए निकल गया।

दल्ली राजहरा मुस्लिम समाज के द्वारा जश्ने ईद मिलाद अन नबी के मुबारक मौके पर जुलूस से मोहम्मेदनी शांति और एकता का प्रतीत देते हुए निकल गया

दल्लीराजहरा:-

दल्ली राजहरा जमा मस्जिद से जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मुबारक मौके पर सुबह फजर की नमाज की बात परचम लहरा कर व मस्जिद से जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ जुलूस से मोहम्मद ने निकल गई जिसमें मस्जिद कमेटी के सदर नैयुम खान नगर पालिका अध्यक्ष शिबू नायर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अशोक बमलेश्वर विवेक मसीह पूर्व मस्जिद कमेटी के सिक्योरिटी व बालोद जिले के कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के जिला अध्यक्ष जुबैर अहमद नबी खान रूबी एंथनी रामू शर्मा विलयम भंवरा नगर युवा कांग्रेस अध्यक्ष अयान अहमद अल्पसंख्यक भाजपा के मो इमरान खान सकली खान पूर्व इमाम नसीम रजा अब्दुल शोहेब साकिर हुसैन जफीर कुरेशी शब्बीर कुरैशी साहिल मंसूरी शेख शोहेब मो नूर अक्की मेमन अब्दुल फैजान अब्दुल फरान मुजम्ली अहमद शेख सुजेन शेख अरशद शेख अदना शेख। अब्जल तोफिक खान अमन जिया वाली महोमद शोबी जुनैद अदना अरमान अहमद रेहान अब्दुल जबर आदि मुस्लिम समाज जश्ने ईद मिलादुन नबी की मुबारकबाद देते हुए शहर में जलसा कर एकता का प्रतीक दिया




इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, ईद ए मिलाद उन नबी तीसरे महीने में रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है। इस वर्ष 28 सितंबर को ईद ए मिलाद उन नबी का पर्व मनाया गया

इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए 28 सितंबर को दिन बहुत खास है। विश्वभर में 28 सितंबर को ईद ए मिलाद उन नबी का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मुहम्मद पैगम्बर से जुड़ा पर्व है। इस दिन को इस्लाम धर्म के अनुयायी अल्लाह की इबादत के लिए महत्वपूर्ण दिन मनाते हैं। लोग घर और मस्जिदों में पवित्र कुरान पढ़ते हैं और एक दूसरे को गले लगाकर ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की मुबारकबाद देते हैं। कहते हैं कि इस दिन पवित्र कुरान के पाठ से अल्लाह का रहम बरसता है। आइए जानते हैं ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के इतिहास, महत्व के बारे में।




क्यों मनाते हैं ईद-ए-मिलाद

ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के नाम से ही इस पर्व का कारक स्पष्ट है। अरबी भाषा के इस शब्द का अर्थ, ‘जन्म’ और मिलाद-उन-नबी का अर्थ है ‘हजरत मुहम्मद साहब का जन्म’। माना जाता है कि इसी दिन पैगंबर हजरत मुहम्मद का जन्म हुआ था। इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए ये काफी महत्वपूर्ण पर्व है

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