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सहकारी समिति कर्मचारियों का हड़ताल स्थगित..

सामाचार-मोहला

मोहला:- सहकारी समिति कर्मचारियों का हड़ताल स्थगित….
प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी संघ रायपुर पंजीयन क्रमांक 6685 द्वारा अपनी तीन सूची मांगों को लेकर संभाग स्तरीय आंदोलन 4 नवंबर 2024 से जारी था , जिसे आज मांग पूर्ति होने पर स्थगित किया गया। लगातार 2 दिन शासन प्रशासन एवं प्रदेश संघ की प्रतिनिधि मंडल द्वारा तीनों मांगों पर कई दौर की चर्चा होने के पश्चात प्रदेश की 2058 सहकारी समिति में कार्यरत कर्मचारियों की मांगों को मुख्यमंत्री द्वारा पूरा करने की आश्वासन के पश्चात छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आज लिखित में पत्र जारी करने किया गया । तत्पश्चात हड़ताली कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री ,सहकारिता मंत्री, खाद्य मंत्री ,कृषि मंत्री ,आयुक्त सहकारिता छत्तीसगढ़ शासन की आभार व्यक्त करते हुए अनिश्चित कालीन आंदोलन को स्थगित कर वापस लौटने का फैसला लिया गया। कर्मचारियों के प्रथम मांग छत्तीसगढ़ की भांति प्रदेश की 2058 समितियां को प्रबंधकीय अनुदान 3 लाख रुपए मिलना चाहिए। इस संबंध में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा अंतर विभागीय कमेटी का गठन का आगे की कार्यवाही किए जाने की आश्वासन दिया गया


मुख्यमंत्री के आदेशानुसार उप आयुक्त सहकारिता द्वारा सहकारिता सचिव छत्तीसगढ़ शासन को लिखते तत्संबंधी पत्र लिखा गया, जिसकी कापी संघ को उपलब्ध कराई गई। दूसरा मांग सेवा नियम 2018 में आवश्यक संशोधन करने का था। इसमें उपायुक्त सहकारिता नया रायपुर छत्तीसगढ़ द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए , 2018 सेवा नियम में आवश्यक संशोधन करते हुए भत्ता एवं वेतन में 25% की वृद्धि किया गया। तीसरा मांग धान खरीदी नीति में आवश्यक संशोधन करते हुए सुखत मान्य करने का था , जिसमें मुख्यमंत्री के द्वारा आदेशित किया गया कि 28 फरवरी के बाद जितना धान उपार्जन केंद्र में रहेगा , उसमें सुखत का प्रावधान किया जाएगा। जिसका लिखित आदेश आज छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी किया गया। सघ के जिला अध्यक्ष भाईलाल देवांगन ने बताया कि उपरोक्त तीनों मांगों पर लिखित में आश्वासन मिलने की वजह से हड़ताल को स्थगित करने का फैसला लिया गया।शासन प्रशासन, एवं संघ के सभी कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए काम में लौटने की अपील किया गया।

शासन प्रशासन ने माना धान सुखता है:- प्रदेश में 2058 सहकारी समितियां द्वारा विगत 23 वर्षों से धान खरीदी का कार्य किया जा रहा है । शासन द्वारा समितियां को सुखत मान्य नहीं किया जाता था ।शासन और प्रशासन द्वारा यह मान लिया जाता था कि धान नहीं सुखता। शासन के आदेशानुसार 17% नमी में धान खरीदी किया जाता है और परिवहन करते समय वह नमी घटकर 10 से 11% हो जाता है ।फिर भी शासन प्रशासन द्वारा धान में सुखत नहीं माना जाता था । पूरे प्रदेश में सहकारी कर्मचारियों ने हड़ताल कर धान में सुखत मानने को शासन प्रशासन को मजबूर किया है । प्रदेश के कर्मचारियों की इस मांग को देखते हुए प्रदेश के मुखिया छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री ने माना कि धान सुखता है और 28 फरवरी के बाद जो भी धान उपार्जन केन्द्रों में शेष रहेगा, उसमें सुखत शासन द्वारा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि इस वर्ष धान का परिवहन समय पर हो जायेगा।

जिला ब्यूरो योगेन्द्र सिंगने की रिपोर्ट।

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