फैसला में मुक्ति धाम को मिले आवेदन पत्र के अनुसार
मोहला: कल मोहला में वन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित होने जा रही है, जिसमें वन भूमि के आबंटन से जुड़े कई अहम फैसले होने की संभावना है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, इस बैठक की अध्यक्षता माननीय जिलाधीश एस जयवर्धने करेंगे, जहां विभिन्न आवेदनों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक खासतौर पर वन भूमि से जुड़े आवेदनों और पंचायतों द्वारा प्रस्तुत मांगों को लेकर अहम मानी जा रही है।
प्रमुख रूप से मोहला ग्राम पंचायत ने मुक्तिधाम (चिलमटोला रोड, मोहला) के लिए भूमि संरक्षण हेतु आवेदन प्रस्तुत किया है, जिसके तहत वन भूमि पर सामुदायिक अधिकार पट्टा मांगा गया है। मोहला पंचायत और ग्रामीणों की यह लंबे समय से चली आ रही मांग है, जिसके पूरा होने की प्रतीक्षा की जा रही है। मुक्तिधाम के विस्तार के लिए वन भूमि के आबंटन को लेकर यह देखना अहम होगा कि वन समिति इस पर क्या निर्णय लेती है।
वहीं, स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत के प्रतिनिधियों की मांग है कि मुक्तिधाम की भूमि का दायरा बढ़ाया जाए ताकि सार्वजनिक कार्यों के लिए अधिक भूमि उपलब्ध हो सके। हालांकि, इसे लेकर प्रशासनिक और कानूनी दस्तावेजों की जटिलताओं का हवाला देकर निर्णय को टालने की भी संभावना जताई जा रही है।
बैठक में यह भी देखा जाएगा कि वन भूमि के अन्य आवेदनों पर समिति क्या रुख अपनाती है। मोहला के ग्रामीणों और पंचायत के लिए यह बैठक अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका असर उनके लंबे समय से लंबित भूमि संबंधी मुद्दों पर पड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि कल की बैठक में वन समिति क्या फैसले लेती है और क्या यह ग्रामीणों की उम्मीदों पर खरा उतर पाएगी?
बड़ा फैसला
मोहला: कल मोहला में वन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित होने जा रही है, जिसमें वन भूमि के आबंटन से जुड़े कई अहम फैसले होने की संभावना है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, इस बैठक की अध्यक्षता माननीय जिलाधीश एस जयवर्धने करेंगे, जहां विभिन्न आवेदनों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक खासतौर पर वन भूमि से जुड़े आवेदनों और पंचायतों द्वारा प्रस्तुत मांगों को लेकर अहम मानी जा रही है।
प्रमुख रूप से मोहला ग्राम पंचायत ने मुक्तिधाम (चिलमटोला रोड, मोहला) के लिए भूमि संरक्षण हेतु आवेदन प्रस्तुत किया है, जिसके तहत वन भूमि पर सामुदायिक अधिकार पट्टा मांगा गया है। मोहला पंचायत और ग्रामीणों की यह लंबे समय से चली आ रही मांग है, जिसके पूरा होने की प्रतीक्षा की जा रही है। मुक्तिधाम के विस्तार के लिए वन भूमि के आबंटन को लेकर यह देखना अहम होगा कि वन समिति इस पर क्या निर्णय लेती है।
वहीं, स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत के प्रतिनिधियों की मांग है कि मुक्तिधाम की भूमि का दायरा बढ़ाया जाए ताकि सार्वजनिक कार्यों के लिए अधिक भूमि उपलब्ध हो सके। हालांकि, इसे लेकर प्रशासनिक और कानूनी दस्तावेजों की जटिलताओं का हवाला देकर निर्णय को टालने की भी संभावना जताई जा रही है।
बैठक में यह भी देखा जाएगा कि वन भूमि के अन्य आवेदनों पर समिति क्या रुख अपनाती है। मोहला के ग्रामीणों और पंचायत के लिए यह बैठक अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका असर उनके लंबे समय से लंबित भूमि संबंधी मुद्दों पर पड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि कल की बैठक में वन समिति क्या फैसले लेती है और क्या यह ग्रामीणों की उम्मीदों पर खरा उतर पाएगी?