अवकाश के दिनों में भी समितियों द्वारा किसानों को खाद और बीज का कर रहे वितरण
अवकाश के दिनों में भी समितियों द्वारा किसानों को खाद और बीज का कर रहे वितरण।
दल्लीराजहरा/डौंडी
_जिले के समस्त आदिम जाति सेवा सहकारी समिति वर्षा ऋतु के आगमन को देखते हुए किसानों को खेती किसानी के लिए अवकाश के दिनों में भी सोसायटी से खाद और बीज का वितरण कर रहे है,जिससे किसानों का सही समय में खेती की सारी प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो,इस संबध में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति कुसुमकसा के प्रभारी प्रबंधक जे आर पिस्दा ने बताया कि खरीफ वर्ष 2024 के साथ अधिकतर किसानों ने ग्रीष्म कालीन खेत की जुताई पूरी कर ली है। कुछ ही दिनों में खेत की तैयारी का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में कृषकों को समय पर गुणवत्तायुक्त उर्वरक बीज उपलब्ध कराने अवकाश के दिनों में भी समितियों के माध्यम से उर्वरक एवं बीज का वितरण किया जा रहा है। जिले के किसानों को मानसून के पूर्व खेतों की तैयारी के लिए आवश्यकतानुसार उर्वरकों का उठाव तत्काल पूरा करने उच्चाधिकारियों से सभी समिति को निर्देश प्राप्त हुआ है।
श्री पिस्दा ने आगे बताया कि जिन कृषकों को डीएपी उपलब्ध नहीं हो पाया है।
वे डीएपी के स्थान पर एनपीके 12:32:16, 20:20:0:13 एवं सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग विकल्प के रूप में कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि संचालनालय अनुसंधान सेवाएं इंदिरा गाधी कृषि महाविद्यालय रायपुर ने डीएपी के विकल्प के रूप में सुझाव प्राप्त हुआ की 16 प्रतिशत फास्फोरस के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक का प्रयोग कर सकते हैं।साथ
उन्होंने बताया कि एक बोरी डीएपी से मिलने वाले तत्वों की पूर्ति के लिए लगभग आधा बोरी यूरिया एवं तीन बोरी सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग कर सकते हैं। मिश्रित उर्वरक के रूप में इफ्को 12:32:16, ग्रोमोर 28:28:0 एवं अन्य फास्फोरस युक्त मिश्रित उर्वरक के रूप में उपयोग कर सकते हैं। साथ ही मृदा में उपस्थित स्फूर की उपलब्धता में वृद्धि करने स्फूर घुलनकारी जैव उर्वरकों जिसमें पीएसबी का प्रयोग भी किया जा सकता है।