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शासकीय नवीन महाविद्यालय व कन्या  शतकीय नवीन महाविद्यालय मे एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

जनजातिय समाज का गौरवशाली अतीत एेतिहासिक एवं आध्यात्मिक योगदान..

जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत”विषय पर मोहला महाविद्यालय में हुआ एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन..
स्व. लाल श्याम शाह शासकीय नवीन महाविद्यालय मोहला एवं नवीन शासकीय कन्या महाविद्यालय मोहला के संयुक्त तत्वावधान में 14 नवम्बर को “जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत-ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान” विषय पर एकदिवसीय संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री लाल लक्ष्मेंद्र शाह राज परिवार मोहला , विशेष अतिथि के रूप में श्रीमती नम्रता सिंह, अध्यक्ष जनभागीदारी समिति, जनभागीदारी समिति सदस्य श्री योगेंद्र सिंगने एवं श्री खोरबाहरा राम यादव , स्त्रोत वक्तव्य के रूप में श्री रमेश हिड़ामें ,अध्यक्ष नागवंशी गोंड समाज मोहला एवं श्री राजिम शाह मरकाम ,व्याख्याता शामिल हुए। कार्यक्रम की

अध्यक्षता संस्था के प्राचार्य डॉ. जी.के.जोशी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाराज लाल श्याम शाह , भगवान बिरसा मुंडा, रानी दुर्गावती एवं छत्तीसगढ़ महतारी के तैलचित्र पर माल्यार्पण पश्चात दीप प्रज्वलन कर किया गया। अतिथियों का स्वागत पीला साफ़ा व गुलदस्ता भेंट कर किया गया। स्वागत उद्बोधन अतिथि व्याख्याता इतिहास डॉ. मीनू रमन के द्वारा किया गया। तथा उनके द्वारा लाल श्याम शाह की जीवनी का वाचन किया। पश्चात भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी व रानी दुर्गावती के जीवन पर लघु चलचित्र का प्रदर्शन प्रोजेक्टर के माध्यम से किया गया । छात्रा कु. कंचन उईके ने रिलो गीत की प्रस्तुति दी। अध्यक्षीय उद्बोधन के रूप में प्राचार्य डॉ. जी .के.जोशी ने इस कार्यक्रम के उद्देश्य से अवगत कराया। विशिष्ट अतिथि श्रीमती नम्रता सिंह जी ने जनजातीय नायकों के योगदान पर विस्तृत जानकारी दी। मुख्य अतिथि श्री लाल लक्ष्मेंद्र शाह जी ने जनजातीय नायकों के शौर्य व पराक्रम का विस्तृत वर्णन करते हुए ऐतिहासिक पृष्ठभूमि व गौरवशाली अतीत पर चर्चा किये। मुख्य स्रोत वक्तव्य श्री रमेश हिड़ामें जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ जनजातीय बाहुल्य प्रदेश हैं। भारतीय इतिहास में आदिवासी समाज का गौरव दर्ज नहीं हो पाया हैं जनजातीय समाज स्वालम्बी व स्वाभिमानी समाज हैं, वे प्रकृति पूजक हैं। भारतीय स्वतंत्रता में जनजातीय समाज का गौरवशाली योगदान रहा हैं। उन्होंने माता शबरी, तिलका मांझी, भगवान बिरसा मुंडा , रानी दुर्गावती व वीरनारायण सिंह जैसे जनजातीय वीरों के शौर्य का पुण्य स्मरण किया। समापन उद्बोधन में डॉ. रीना कोमरे ने जनजातीय समाज के आध्यात्मिक व सामाजिक पृष्ठभूमि पर व्याख्यान प्रस्तुत किये । छात्रों ने जनजातीय समाज के गीतों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। पश्चात जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत थीम पर आधारित रंगोली/पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त छात्र- छात्राओं को अतिथियों के द्वारा सम्मानित किया गया। तत्पश्चात अतिथियों को महाविद्यालय के ओर से सम्मान -चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। आभार प्रदर्शन डॉ. अमित गुप्ता ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.आकृति देवांगन ने किया। अंत में एकदिवसीय संगोष्ठी के संयोजक श्री रूपलाल मंडावी सहा.प्राध्या. व श्री नागेश मंडावी सहा.प्राध्या. ने कार्यक्रम को सफल रूप में फलीभूत करने लिए समस्त सहायक प्राध्यापक,अतिथि व्याख्याता, कार्यालयीन कर्मचारी व उपस्थित विद्यार्थियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

जिला ब्यूरो योगेन्द्र सिंगने की रिपोर्ट

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