राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत नगर पालिका परिसर में छत्तीसगढ़ी पुरखौती कलेवा का

संचालन कर ग्रामीण एवं शहरी महिला स्व सहायता समूह आत्मनिर्भर बन रही है
दल्लीराजहरा –
नगर पालिका परिसर में छत्तीसगढ़ी पुरखौती कलेवा के ठउर गढ़ कलेवा का संचालन उड़ान क्षेत्र स्तरीय संघ द्वारा किया जा रहा है l राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के मिशन मैनेजर केतन नायक द्वारा गढ़ कलेवा के बारे में बताया गया कि गढ़ कलेवा नामक इस केंद्र पर मुख्यता छत्तीसगढ़ के क्षेत्रों में उपयोग किए जाने सूखे और गीले नाश्ते तथा भोजन की व्यवस्था रहती है छत्तीसगढ़ राज्य ने भी इस ओर ध्यान दिया और इस नवाचारी उद्देश्य की पूर्ति के लिए गढ़ कलेवा के रूप में एक पूर्ण छत्तीसगढ़ खानपान स्थल की स्थापना की है।
जिसके माध्यम से पारंपरिक छत्तीसगढ़ी खान-पान को आम जनता को उपलब्ध कराने और खानपान से संबंधित पारंपरिक ज्ञान पद्धतियों को सहेजने के काम की शुरुआत की हैl ग्रामीण एवं शहरी महिला स्व सहायता समूह द्वारा जैविक खाद उत्पादन ,सुपर वार्मिंग कंपोस्ट, पैकेजिंग ,पौधारोपण, पशुपालन, बकरी पालन ,मुर्गा पालन ,मछली पालन के अतिरिक्त दोना पत्तल निर्माण, मशरूम उत्पादन सहित अन्य आजीविका संवर्धन गतिविधियां कर आत्मनिर्भर बन रही है।

गढ़ कलेवा के माध्यम से छत्तीसगढ़ी खानपान एक नई लोकप्रियता की राह बनाई है। गढ़ कलेवा में परोसी जाने वाली छत्तीसगढ़ी व्यंजन अनरसा ,पपची, ठेठरी, खुरमी,गुलगुल भजिया के अलावा ऐसी बहुत सी मिठाइयां और अनुपूरक भोजन स्वाद बढ़ाने वाली सामग्रियां है ।इन सामग्रियों का भी गढ़ कलेवा ने अच्छा बाजार निर्मित कर लिया हैl गढ़ कलेवा समाज को एक अनुपम देन है।