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सम्यक बौद्ध महासभा दल्ली राजहरा के तत्वाधान में अंबेडकर मेमोरियल भवन में 14 अक्टूबर धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया।

सम्यक बौद्ध महासभा दल्ली राजहरा के तत्वाधान में अंबेडकर मेमोरियल भवन में 14 अक्टूबर धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया।

दल्लीराजहरा :-

सम्यक बौद्ध महासभा दल्ली राजहरा के तत्वाधान में अंबेडकर मेमोरियल भवन में 14 अक्टूबर धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। प्रातः 11:00 बजे पंचशील झंडे का ध्वजारोहण सम्यक बौद्ध महासभा के अध्यक्ष अशोक बांबेश्वर के द्वारा किया गया।  बौद्ध उपासक उपाशिकाओं के द्वारा तथागत गौतम बुद्ध एवं बोधिसत्व डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किया।

गया एवं  त्रिशरण पंचशील का पाठ किया गया।
अक्सर बहुत लोगों का सवाल होता है कि डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर ने बुद्ध धर्म  को ही क्यों चुना, तब बाबा साहब कहते हैं की गौतम बुद्ध ना तो स्वर्ग का लालच दिखाते हैं, और ना ही नरक का डर, और ना ही वह खुद को ईश्वर कहते हैं, और ना ही मुक्तिदाता, बल्कि गौतम बुद्ध तो सिर्फ अपने आप को मार्गदाता बताते हैं। पूरे विश्व में बुद्ध ही ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने कहा कि मेरी पूजा मत करना और ना ही मुझेसे कोई उम्मीद लगा के रखना कि मैं कोई चमत्कार करूंगा।

दुख को तुमने पैदा किया है, और दुख का निवारण भी तुम्हें ही करना है। मैं सिर्फ तुम्हें सिर्फ मार्ग बता सकता हूं। उस मार्ग पर तुम्हें ही चलना पड़ेगा। गौतम बुद्ध के इस उत्तम विचारो से ही प्रभावित होकर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपने लाखों अनुयायियों के साथ 14 अप्रैल 1956 को नागपुर की पावन धारा में बुद्ध धम्म की दीक्षा ग्रहण किया था।


इसी परिपेक्ष में प्रतिवर्ष 14 अक्टूबर को पूरे भारतवर्ष में बौद्ध धर्मावलंबीयों के द्वारा धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस हर्सो उल्लास के साथ मनाया जाता है।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय बौद्ध महासभा हेमंत कांडे, अध्यक्ष जिला भारतीय बौद्ध महासभा दिलीप मेश्राम, अध्यक्ष जिला महिला भारतीय बौद्ध महासभा नीता कमल रामटेके, दिलीप सुकदेव एवं मुख्य वक्ताओं के द्वारा धम्म चक्र परिवर्तन दिवस पर धम्म देशना दिया गया।
इस अवसर पर सम्यक बौद्ध महासभा के द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को साल भेंट कर सम्मान किया गया।


इसमें मुख्य रूप से अशोक बांबेश्वर, गौतम रामटेके,दिलीप मेश्राम, गोरेलाल बांबेश्वर, शिवलाल बांसोडे,  सत्यनारायण रामटेके, श्रीमती इमला कांडे,प्यारे लाल भोयर,श्यामलाल बोरकर का सम्मान समाज के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का मंच संचालन संस्था के संरक्षक बी.एल. बौद्ध एवं आभार प्रदर्शन महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती चंद्र रेखा नंदेश्वर ने किया।


इस अवसर पर
ओमप्रकाश रामटेके सुरेंद्र मेश्राम,रतन जमुलकर, किशोरकुमार बंबेश्वर, कमलकांत रामटेके,बाबूलाल ऋषि, राधेलाल मेश्राम, रमेश भगत,जी डी मेश्राम, सत्यविजय बंबेश्वर, अनिल रामटेके, कृष्णमूर्ति रामटेके, देवानंद दहिविले ,रोशन पाटील, दिलीप रंगारी, योगराज बोरकर, नरोत्तम मेश्राम, जितेंद्र मेश्राम, दीपक दामले,संतोष नॉनहरे,जय प्रकाश हुमने, श्रीमती जोत्सना मेश्राम, रत्ना मेश्राम, चंद्रशिला बांबेश्वर, कृष्ण गजभिए, संगीता पाटिल, अनीता मेश्राम, लता बनसोडे, अनीता ऊके, रितु बांबेश्वर, सावित्री रामटेके, देवकी रामटेके, दीपिका उके, भुवनेश्वरी बंबेश्वर, अमृता डोंगरे, बिना बोरकर, संगीता रंगारी, मंजू लता गायकवाड, जमुना देवी मेश्राम, निर्मला सोनटके, अरुणा रामटेके, मीरा बौद्ध,पूनम वासनिक, सरोज नोनहरे, देवकी रामटेके, रितु मेश्राम,  लता बनसोडे एवं बौद्ध उपासक एवम् उपासिकाये उपस्थित रहे।

       *अशोक बांबेश्वर*
            अध्यक्ष
   सम्यक बौद्ध महासभा दल्ली राजहरा

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