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विधायक कुंवर सिंह निषाद के पास समस्या लेकर पहुंचे ग्रामीण

बीजाभाठा की शिक्षका उषा बोरकर को निलंबित करने का निर्देश

बीजाभाठा के ग्रामीण लगातार शिकायत के बाद शासन प्रशासन की कुम्भकर्णीय नींद से उपेक्षित हो रहे है व भाजपा के जनप्रतिनिधि गण अधिकारी द्वारा आफिस में अपनी समस्या को अवगत कराने के बाद भी तिरस्कार होना पड़ रहा है व संभाग आयुक्त के पास व शिक्षा संचनालय के पास शिकायत करने के बाद जिस तरह से जिला शिक्षा अधिकारी व विकास खंड शिक्षा अधिकारी की निष्क्रियता व मिलि भगत ने सवालिया निशान खड़े कर दिये है व इसी परिप्रेक्ष्य में गुंडरदेही विधान सभा के लोकप्रिय विधायक कुंवर सिंह निषाद के पास ग्रामीण जन पहुंचे व विधायक ने गंभीरता से लेते निष्पक्ष जांच कराने की बात कही व सभी के सम्मुख अधिकारियों को दुरभाष पर बात कर चेतावनी सवरुप त्वरित कार्यवाही कराने की बात कही नही तो चक्का जाम व उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसकी जवाबदारी शासन प्रशासन रहेगी

डौंडीलोहारा —– शिक्षा विभाग की हाई प्रोफाइल मामला शासकीय प्राथमिक शाला बीजाभाठा में पदस्थ शिक्षिका उषा बोरकर के खिलाफ ग्रामीणों द्वारा किए गए शिकायत दिनांक 19/06/2025 कार्यालय आयुक्त संभाग दुर्ग पर अंकित टीप अनुसार संयुक्त संभागीय शिक्षा संचालक का जिला शिक्षा अधिकारी बालोद को निलंबित करने व संबंधित प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। मामले की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए निर्देश दिया गया है कि शिक्षिका के विरुद्ध पूर्व में की गई शिकायत पर वह दोषी पाई गई थी इस आधार पर तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी बालोद को दिया गया है। साथ ही निलम्बन आदेश सहित संबंधित प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया गया है।

ग्रामीणों द्वारा आयुक्त संभाग दुर्ग में की गई शिकायत विकास खंड शिक्षा अधिकारी व सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी डौंडीलोहारा द्वारा शिक्षिका को बचाने का भी आरोप लगाया गया है।इसके संबंध में
संयुक्त संभागीय शिक्षा संचालक के जिला शिक्षा अधिकारी बालोद को लिखे गए पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि पूर्व में की गई शिकायत में शिक्षिका दोषी पाई गई थी,जिसे विकास खंड शिक्षा अधिकारी व सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी डौंडीलोहारा द्वारा संरक्षण दिए जाने का उल्लेख है।
शिक्षिका प्रथम दृष्टया दोषी पाई थी जिसे विकास खंड शिक्षा अधिकारी व सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी डौंडीलोहारा द्वारा संरक्षण दिया गया तो शिक्षिका ही दोषी क्यों ? संरक्षण देने वाले शिक्षा अधिकारी उससे अधिक दोषी है। शिक्षा अधिकारी डौंडीलोहारा द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम विरुद्ध कार्य किए हैं तो इन पर कार्रवाई क्यों नहीं ?
इससे स्पष्ट होता है कि सभी के लिए एक समान नियम कानून नहीं है ।
पूर्व में बालोद जिला शिक्षा विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति संबंधी गड़बड़ी में एक शिक्षक लिपिक सहित जिला शिक्षा अधिकारी निलंबित किया गया था तो बीजाभाठा मामले पर अकेली शिक्षिका को ही दोषी करार देना न्याय संगत नहीं है।
प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। शिक्षिका उषा बोरकर के साथ लिप्त अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।

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