अंबेडकर मेमोरियल भवन में वर्षावास के 08 वें दिवस के अवसर पर बौद्ध उपासक एवं उपासिकाओ को धम्म देशना दिया गया।
दल्लीराजहरा:-
दिनांक 29 जुलाई 2024 दिन रविवार को संध्या 3:00 बजे अंबेडकर मेमोरियल भवन में वर्षावास के 08 वें दिवस के अवसर पर भंते वेन संपजानो,भंते दीत्ती विसुधि एवम् भंते उत्तमों मग्गो के द्वारा बौद्ध उपासक एवं उपासिकाओ को धम्म देशना दिया गया। इस अवसर पर भंते वेन संपजानो सतीमा ने कहा कि व्यक्ति पद, प्रतिष्ठा, धन,जवानी ,रूप, परिवार, सत्ता, सम्मान ,आदि पाकर उसी में रमने लगते हैं। उसी को जीवन का उद्देश्य समझ लेते हैं। लेकिन वे इस तरह स्वयं के लिए दुख ही पैदा करते हैं।
इस जाल में फंसे हुए व्यक्ति को यह विचार करने की फुर्सत ही नहीं होती है कि उसे एक दिन इस संसार से हमेशा के लिए जाना है। इसलिए वे राग द्वेष ,क्रोध ,घृणा के जाल में उलझा रहते हैं। इसके विपरीत जिन विवेकशील, ज्ञानी व्यक्तियों को हर क्षण यह याद रहता है कि संसार से एक दिन उसे जाना ही है उनके मन के विकार दूर हो जाते हैं कलह शांत हो जाते हैं। ऐसे व्यक्ति के मन में दूसरों के प्रति राग -द्वेष , क्रोध और मोह नहीं होगा, वह सभी से मैत्री भाव रखेगा ।वह विनम्र, सरल-सहज स्वभाव का हो जाता है। वह अपने शत्रु से भी मैत्री भाव रखता है। वह सुख शांति का जीवन जीता है और दूसरों के लिए भी सुख से जीने की प्रेरणा देता है।इनके द्वारा विपासना एवं ध्यान साधना विधि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।साथ ही साथ तीन माह के वर्षावास के समयकाल में किस प्रकार संयमित जीवन शैली अपनाना है इस संदर्भ में भी जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय बौद्ध महासभा एच .के. कांडे, धम्मा चारी बी. एल. बौद्ध ,अध्यक्ष सम्यक बौद्ध महासभा अशोक बांबेश्वर ,अध्यक्ष महिला मंडल चंद्र रेखा नंदेश्वर,नीता कमल रामटेके,त्रिभुवन बौद्ध ,ओमप्रकाश रामटेके, सुरेंद्र मेश्राम, संतोष मेश्राम, गोरेलाल बांबेश्वर ,गौतम रामटेक, राधेलाल मेश्राम , रोशन पाटील, सूरज कुमार मेश्राम, प्रदीप कुमार मेश्राम, हेमंत कुमार रामटेके, अजय मेश्राम, राकेश वैद्य,निलेश गौर,नोमेश रामटेके,आसवन बोरकर,रामेश्वर, बरसागड़े
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शारदा बांबेश्वर ,सीमा रामटेके, रंजन रामटेके,ममता वाहने,नीतू रामटेके, निर्मला भगत, भावना दसोडे ,दिव्या मेश्राम, शीला दसोडे ,दिव्या मेश्राम, पूर्णिमा रामटेके, मंजीता डोंगरे, ज्ञानेश्वरी खोबरागड़े , निर्मला शुक्ला, माधुरी खोबरागड़े, सावित्री रामटेके, जमुना देवी मेश्राम, मान्य दसोंडे दिशा रामटेके एवं बौद्ध उपासक उपाशिकाएं उपस्थित रही।