अंबेडकर मेमोरियल भवन में आषाढ़ पूर्णिमा पर्व एवं वर्षा वास प्रारंभ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
अंबेडकर मेमोरियल भवन में आषाढ़ पूर्णिमा पर्व एवं वर्षा वास प्रारंभ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
दिनांक 21 जुलाई 2024 दिन रविवार को संध्या 5:00 बजे अंबेडकर मेमोरियल भवन में आषाढ़ पूर्णिमा पर्व एवं वर्षा वास प्रारंभ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में तथागत गौतम बुद्ध एवं डॉ भीमराव अंबेडकर के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किया गया।* *तदोपरांत वर्षावास के प्रथम दिवस में धम्म संस्कारक बोधाचारी बी .एल.बौद्ध के द्वारा त्रिशरण पंचशील एवं परित्राण पाठ का आयोजन किया गया।*ज्ञात हो कि आषाढ़ मास की पूर्णिमा को महामानव सिद्धार्थ गौतम ने मानवता के कल्याण के लिए गृह त्याग किए थे। इसी दिन बोध गया में बुद्धत्व प्राप्त के उपरांत सारनाथ में प्रथम बार पांच शिष्यों को धर्म देशना दिए थे । इसलिए बौद्ध धर्मावलंबी आषाढ़ पूर्णिमा के दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मानते हैं। साथ ही साथ आज के दिन से बौद्ध भिक्षुगण वर्षावास हेतु बौद्ध विहारों में जाकर तीन माह तक धम्म का प्रचार प्रसार करते हैं।कार्यक्रम के मुख्य प्रबोधक प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय बौद्ध महासभा एच .के. कांडे, अध्यक्ष सम्यक बौद्ध महासभा अशोक बांबेश्वर , उप. महाप्रबंधक बीएसपी प्रवीण रामटेके ,अध्यक्ष महिला मंडल चंद्र रेखा नंदेश्वर, उपाशीका माया नोन्हारे ने आषाढ़ पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर गोवर्धन रंगारी ओमप्रकाश रामटेके, सुरेंद्र मेश्राम, संतोष मेश्राम, नोमेश रामटेके,रामेश्वर, बरसागड़े ,ज्योत्सना मेश्राम, शारदा बांबेश्वर ,सीमा रामटेके, रितु बांबेश्वर, उषा रामटेके, रंजन रामटेके, निशा खापर्डे, रंजना खोबरागड़े, ममता वाहने,जमुना देवी मेश्राम , दिशा रामटेके एवं बौद्ध उपासक उपाशिकाएं उपस्थित रही।