बी ई एम एल के लंबित मुद्दों को लेकर अनु विभागीय अधिकारी को ज्ञापन।

बी ई एम एल के लंबित मुद्दों को लेकर अनु विभागीय अधिकारी को ज्ञापन।
दल्लीराजहरा:-
बी ई एम एल के ठेका श्रमिकों के2019 से लंबित कार्य के अनुसार वर्गीकरण के मुद्दे का अब तक निराकरण नहीं हो पाने की वजह से बी ई एम एल के ठेका श्रमिकों के अंदर गुस्सा सुलग रही है जो कभी भी विकराल रूप धारण कर सकती है।
जन मुक्ति मोर्चा के सचिव बसंत रावटे ने बताया कि बी एस पी प्रबंधन और बी ई एम एल प्रबंधन जानबूझकर ठेका श्रमिकों के क्लासिफिकेशन के मुद्दे को लटका कर रख रहा है । वर्तमान समय में ठेका मजदूरों के द्वारा कुल उत्पादन का 70 से 80 प्रतिशत उत्पादन किया जाता है किंतु जब लाभ देने की बारी आती है तो बी एस पी आनाकानी करने लगती है।
विगत 5 वर्षों से जब जब मजदूरों के पक्ष में फैसला आने का समय आता है तब-तब प्रबंधन और बी ई एम एल प्रबंधन मजदूरों को आपस में उलझाकर इसे लम्बित रखा है। बसंत रावटे ने आगे कहा कि उप मुख्य श्रमायुक्त ने इस मामले में प्रबंधन को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिया था किंतु उसका निराकरण नहीं होने पर जन मुक्ति मोर्चा के द्वारा माइंस आफिस के पास आमरण अनशन भी किया गया था। तब तात्कालीन सांसद मोहन मंडावी ने मजदूरों से मुलाकात कर इस मामले पर बी एस पी के उच्चाधिकारियों को कहा था कि मजदूरों की मांग जायज है तो तत्काल इनका निराकरण करने निर्देशित किया था किंतु आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से मामला अटक गया।
दिनांक 06/06/2024 को सहायक श्रमायुक्त (केंद्रीय)के द्वारा बैठक रखी गई थी किंतु उस बैठक में न ही बी एस पी प्रबंधन और न ही बी ई एम एल प्रबंधन बैठक में शामिल हुआ जो यह दर्शाता है कि प्रबंधन इस मामले को जानबूझकर पूरा नहीं होने देना चाहता ।बसंत रावटे ने इस मामले को अनुविभागीय अधिकारी के संज्ञान में भी दिया गया की अविलंब इस मामले का उचित निराकरण कराया जाय ।
सहायक श्रमायुक्त केंद्रीय को भी 15 दिनों के भीतर उचित निराकरण नहीं होने पर मजदूर सीधी कार्यवाही हेतु बाध्य होंगे जिसकी समस्त जवाबदेही बी एस पी प्रबंधन और बी ई एम एल प्रबंधन की होंगी । अनुविभागीय अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपते हुए जन मुक्ति मोर्चा सचिव बसंत रावटे, श्रमिक नेता संजय सिंह, महेन्द्र कुलदीप शिवा सिंह राव बाबू विजय सिंह उपस्थित थे।