पुलिस द्वारा ग्राहक बनकर भावंर गणेश की मूर्ति चोरी के आरोपी को किया गिरफ्तार, कब्जे से खंडित मूर्ती बरामद…
रविन्द्र टंडन
बिलासपुर – जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम इटवापाली में तीन माह पहले 25 अगस्त की रात अज्ञात चोरों ने प्राचीन भाँवर गणेश की काले ग्रेनाइट की मूर्ति को मंदिर के सेवक को बंधक बनाकर चोरी कर ले गए थे।
मामले में जिले की पुलिस अधीक्षक एसएसपी पारुल माथुर मौके पर पहुँचकर गंभीरता से इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी और मूर्ती को बरामद करने निर्देश अधिकारियों को दिए थे। प्रकरण में जिले की पुलिस ने तीन महीने बाद इस मामले को सुलझा लिया है। जिसका खुलासा एसएसपी पारूल माथुर ने रविवार को किया,
जहाँ बताया गया कि मस्तूरी पुलिस, एसीसीयू की टीम लगातार जांच में जुटी हुई थी। इस दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की ग्राम चौहा के दो लडके काले पत्थर के एक टुकडे का सैम्पल लेकर उसे मूर्ति बताकर चार करोड़ में मूर्ति बेचने के लिए ग्राहक तलाश कर रहे है इस सूचना को एस.एस.पी पारूल माथूर ने गंभीरता से लेते हुए क्राईम बांच प्रभारी हरविन्दर सिंह को स्वयं ग्राहक बनकर सौदा करने भेजा। जहाँ पुलिस ने खुद को कन्नौज (यु.पी.) का व्यापारी बताकर तीन दिन पहले युवराज टण्डन से मुलाकात कर सौदे बाजी की चर्चा करते हुए पहले मूर्ति दिखाने की मांग की।
03.12.22 की रात्रि में ग्राम चौहा में पाच लाख के नकली नोट एण्डवांस मनी के रूप में दिखाते हुए क्राईम ब्रांच प्रभारी ने पुनः युवराज टण्डन से पहले मूर्ति दिखाने की बात दोहराई तब युवराज ने अपने दोस्त मोहताब सुमन को फोन कर मोटर सायकिल में मूर्ति मंगवाई जैसे ही मोहताब मोटर सायकिल में मूर्ति लेकर आया और झोला खोलकर मुर्ति दिखाई तब क्राइम ब्रांच की आस पास छुपी हुई टीम एवं थाना मस्तुरी के सउनि हेमन्त पाटले के टीम ने घेराबंदी कर युवराज और मोहताब को अपने कब्जे मे लेकर कड़ाई से पुछताछ करने लगी, तो उक्त दोनों ने अपने तीन अन्य दोस्तों के साथ पैसे के लालच में उक्त घटना घटित करना स्वीकार किया। चार आरोपियों को मूर्ति लूट के अपराध में गिरफ्तार किया गया है वही अतूल भार्गव गांव एवं घर से फरार मिला जिसकी तलाश जारी है। आरोपी युवराज एवं अतुल भार्गव थाना मस्तुरी में पहले भी अन्य मामलों में चालान हो चुके है।